गीत
पपीहा गीत सुनावे,
भौंरा रोजो आवे लागल अंगनवा में।
कवन टोना कइलू अपना नयनवा से।।
पुरुवा गावे लाचारी,
चिहुके अमवा के बारी,
बेरा बढ़-बढ़ के बोले,
मन एने-ओने डोले,
सिहरे सगरो सिवनवा शरमावा से।।
अचके बढ़ जाला चाल,
सपना सजेला बेहाल,
सभे करे अब ठिठोली,
कोइलर बोले ले कुबोली,
हियरा हरषे ला जइसे फगुनवा में।।
खाली चाहीं ना सिंगार,
साथे चाहीं संस्कार,
प्रेम पूजा के थाल,
बाकी सब माया-जाल,
लोग कहे चाहें कुछू जहानवा में।।
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