गीत
मीठ भाषा भोजपुरी,
मीठ भाषा भोजपुरी,
तबो राखें लोग दूरी,
खोल अखियाँ बाबू एकबार देख लS।
विदेशवन ले एके विस्तार देख लS।
नाहीं मनब त,-2 हमार हुंकार देख लS!!
संत कबीर गुरु गोरख बाबा भोजपुरी में लिखत रहले।
ग्रियर्सन जी बहिरंग भाषा में एही के त गिनत रहले।
मारीशस फिजी सूरीनाम
होखे भोजपुरीए में काम
आरा भोजपुर के बानी
बोले करोड़ों हिंदुस्तानी।
देखल चाह त काम के आधार देख लS।
नाहीं मनब त,-2 हमार हुंकार देख लS!!
व्याकरण पर कतहूँ कसि ल, भाषा के ना झूठलइब तू।
संविधान में शामिल क ल, ना त बड़ा पछतइब तू।
तनी बोल आपन इच्छा
चाहें कहीं ल परीक्षा
भाषा भाव में विभोर
हमके देख चारू ओर
नाहीं सुनब त अबकी आर-पार देख लS।
नाहीं मनब त,-2 हमार हुंकार देख लS!!
बटोहिया के वियोग में इहवा, मन छछनत देखल जाला।
संस्कार में हर उत्सव के, सबकुछ अर्पत देखल जाला।
खाली चुप रही संसद
त जमइहें पाँव अंगद।
मत बुझ हो बेकार।
भाषा नीक बा हमार।
खाली धमकी ना ह ललकार देख लS।
नाहीं मनब त,-2 हमार हुंकार देख लS!!
- केशव मोहन पाण्डेय
(1.2.2013)
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