चित्र:गूगल
अनफ्रेंड (लघुकथा)
अनफ्रेंड (लघुकथा)
'हेलो! - - कैसे हो?'
'ठीक हूँ। - - अपना बताओ?'
'क्या बताऊँ?'
'क्या चल रहा है?'
'चाय पी रही हूँ। - - - एक चुस्की ले लूँ?'
'श्योर-श्योर! - - पहले वह काम, फिर यह काम।'
'सोसल-साइट्स पर चैटिंग काम है?'
'सबसे बड़ा काम। - - आज के युग में संबंधों का जाल बुनते हैं ये सोसल-साइट्स। - - लोग इन पर बातें करते रहते हैं और सम्बन्ध प्रगाढ़ होते रहते हैं।'
'तुम तो बूढों जैसी बातें कर रहे हो यार।'
'मतलब?' - दीपक कुछ समझ नहीं पाया।
'चाय पीकर बताती हूँ।' - शिल्पी ने जवाब टाइप किया।
दोनों इस सोसल-साइट पर एक सप्ताह पहले ही मित्र बने थे। आज के किशोर वय नौजवान बड़ी गर्मजोशी से इन साइट्स पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता और एक्सेप्ट करता है। आज का डिजिटल ज़माना एक क्लीक पर सब कुछ उपलब्ध करा देता है। फ्रेंड्स, पार्टनर और न जाने क्या कुछ।
दीपक आज के युवा के उस वर्ग का है जो रिश्तों को जीना, ढोना और उन्हें अच्छी तरह से समझना भी जानता है। यह वर्ग कम है, मगर दमदार है। दीपक पर तो नए-पुराने, सारे रिश्तों को समेटने का भूत सवार रहता है।
शिल्पी उसके गाँव के मंगल काका के बड़ी बेटी की इकलौती बेटी है। शिल्पी और दीपक प्राइमरी कक्षाओं में कुछ महीने एक साथ पढ़े थे। आज वह नागपुर में रह कर बी-टेक कर रही है और यह दिल्ली से बी-कॉम।
दीपक रोज़ शाम को साइबर कैफ़े जाता है। अपने फ्रेंड्स से चैटिंग करता है और रिश्तों को प्रगाढ़ करने की कोशिश करता रहता है। आज भी वही हो रहा है।
उधर शिल्पी चाय पीती रही और इधर दीपक प्रतीक्षा करता रहा। अब शिल्पी ने टाइप किया - ' तुमने मेरा नया प्रोफाइल फोटो देखा?'
'हाँ, अच्छा लगा।'
'सिर्फ अच्छा! - - लाइक किया?'
'अरे शिल्पी! - - भले ही तुम मेरे ही उम्र की हो तो क्या हुआ, रिश्ते में भांजी हो मेरी, भांजी! - - - अपने कुनबे को कौन नहीं लाइक करेगा?'
'क्या कहा, - - - भांजी???'
'सही तो कहा। - - - तुम मेरे मंगल काका के - - - - - - ।'
'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई भांजी कहने की? - - - मैं तो समझती थी कि दिल्ली से बी-कॉम कर रहे हो तो कुछ तो आज की सोच रखते होगे! - - - तुम तो वैसे ही एकदम जाहिल-गँवार निकले। - - - साहित्य पसंद है और बुद्धि में गोबर भर रखा है।'
'ऐसा क्या कह दिया मैंने शिल्पी?'
'तूने गाली दी है मुझे! - - मैं तो तुम्हें आज के ज़माने का समझी थी। - - - मुझे ऐसे फ्रेंड की जरुरत नहीं है जो आज का इमोशन ही ना समझे।'
- - - और शिल्पी ने एक क्लीक से दीपक को अनफ्रेंड कर दिया।
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- केशव मोहन पाण्डेय
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