Dec 20, 2021

दो दोहे


अंतर में होता  रहा, अनुपल शाश्वत युद्ध।

एक ओर सिद्धार्थ मन, दूजे गौतम बुद्ध।।


कैसे  करता मैं रहूँ,  सदा एक सा काम। 

दोनों बैठे मन-सदन, दशकंधर औ राम।।


                      - केशव मोहन पाण्डेय

No comments:

Post a Comment